5 Essential Elements For Shodashi

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Oh Lord, the grasp of universe. You will be the eternal. You tend to be the lord of every one of the animals and all the realms, you're the base on the universe and worshipped by all, without the need of you I am no person.

It had been listed here much too, that the great Shankaracharya himself set up the image of the stone Sri Yantra, Probably the most sacred geometrical symbols of Shakti. It may possibly however be considered now inside the interior chamber of your temple.

The reverence for Goddess Tripura Sundari is apparent in how her mythology intertwines While using the spiritual and social fabric, presenting profound insights into the character of existence and The trail to enlightenment.

यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari ashtottarshatnam

केवल आप ही वह महाज्ञानी हैं जो इस सम्बन्ध में मुझे पूर्ण ज्ञान दे सकते है।’ षोडशी महाविद्या

प्रणमामि महादेवीं परमानन्दरूपिणीम् ॥८॥

यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।

She's depicted with a golden hue, embodying the radiance of your climbing Sunlight, and is frequently portrayed with a third eye, indicating her knowledge and Perception.

देवस्नपनं मध्यवेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि

श्वेतपद्मासनारूढां शुद्धस्फटिकसन्निभाम् ।

Goddess Tripura Sundari can also be depicted being a maiden sporting brilliant scarlet habiliments, dark and long hair flows and is here totally adorned with jewels and garlands.

The Mahavidya Shodashi Mantra fosters emotional resilience, aiding devotees approach daily life having a calm and regular mind. This reward is efficacious for the people dealing with anxiety, mainly because it nurtures internal peace and the chance to maintain emotional balance.

‘हे देव। जगन्नाथ। सृष्टि, स्थिति, प्रलय के स्वामी। आप परमात्मा हैं। सभी प्राणियों की गति हैं, आप ही सभी लोकों की गति हैं, जगत् के आधार हैं, विश्व के करण हैं, सर्वपूज्य हैं, आपके बिना मेरी कोई गति नहीं है। संसार में परम गुह्रा क्या वास्तु है?

मन्त्रिण्या मेचकाङ्ग्या कुचभरनतया कोलमुख्या च सार्धं

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